aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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रेख़्ती

1752 -1817

लखनऊ के सबसे गर्म मिज़ाज शायर। मीर तक़ी मीर के समकालीन। मुसहफ़ी के साथ प्रतिद्वंदिता के लिए मशहूर ' रेख़्ती ' विधा की शायरी भी की और गद्द में रानी केतकी की कहानी लिखी।

1756 -1835

उर्दू शायरी की विधा ' रेख़्ती ' के लिए प्रसिद्ध जिसमें शायर औरतों की भाषा में बोलता है

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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