aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शब्दार्थ
बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए
मिरे हरीफ़ तुम्हारी दुआ से कम न हुए
"बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए" ग़ज़ल से की ज़फ़र मुरादाबादी
Join us for Rekhta Gujarati Utsav | 19th Jan 2025 | Bhavnagar
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