Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

अनवर देहलवी

1847 - 1885 | दिल्ली, भारत

उत्तर-क्लासिकी शायर, ज़ौक़ और ग़ालिब के शिष्य अपने सर्वाधिक लोकप्रिय शेरों के लिए प्रसिद्ध

उत्तर-क्लासिकी शायर, ज़ौक़ और ग़ालिब के शिष्य अपने सर्वाधिक लोकप्रिय शेरों के लिए प्रसिद्ध

अनवर देहलवी

ग़ज़ल 11

अशआर 26

मैं समझा आप आए कहीं से

पसीना पोछिए अपनी जबीं से

  • शेयर कीजिए

कुछ ख़बर होती तो मैं अपनी ख़बर क्यूँ रखता

ये भी इक बे-ख़बरी थी कि ख़बर-दार रहा

शर्म भी इक तरह की चोरी है

वो बदन को चुराए बैठे हैं

सूरत छुपाइए किसी सूरत-परस्त से

हम दिल में नक़्श आप की तस्वीर कर चुके

मिट्टी ख़राब है तिरे कूचे में वर्ना हम

अब तक तो जिस ज़मीं पे रहे आसमाँ रहे

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 4

 

संबंधित कलाकार

"दिल्ली" के और कलाकार

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए