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Ghulam Abbas's Photo'

ग़ुलाम अब्बास

ग़ुलाम अब्बास के वीडियो

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ग़ुलाम अब्बास

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले

ग़ुलाम अब्बास

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले

ग़ुलाम अब्बास

आँखों का है क़ुसूर अगर वो अयाँ नहीं

ग़ुलाम अब्बास

आबले होंगे वो झट फूट के बहने वाले

ग़ुलाम अब्बास

इक उम्र की तलाश का क्या है सिला मिला

ग़ुलाम अब्बास

क्या है हाथों की लकीरों में बताओ न मुझे

ग़ुलाम अब्बास

क्या है हाथों की लकीरों में बताओ न मुझे

ग़ुलाम अब्बास

क्यों ये हसरत थी दिल लगाने की

ग़ुलाम अब्बास

करो लाख मुँह से नहीं नहीं

करो लाख मुँह से नहीं नहीं ग़ुलाम अब्बास

काम पड़ा याद आया मौला है ये तर्ज़-ए-इबादत कैसी

ग़ुलाम अब्बास

कोई वाक़ि'आ हो या हादिसा कहूँ कैसे मैं कि बुरा हुआ

ग़ुलाम अब्बास

कोंपल कहीं फूटी है तो टूटी कहीं डाली

ग़ुलाम अब्बास

ख़दशा था जिस के होने का आख़िर है हो गया

ग़ुलाम अब्बास

गुलशन-गुलशन ज़िक्र है उन का

ग़ुलाम अब्बास

छुपता नहीं नक़ाब में जल्वा शबाब का

ग़ुलाम अब्बास

जी में है तोड़ दें सुबू और गिरा दें जाम ये

ग़ुलाम अब्बास

तबी'अत रफ़्ता रफ़्ता ख़ूगर-ए-ग़म होती जाती है

ग़ुलाम अब्बास

न हीरे जवाहिर न ज़र बख़्श मौला

ग़ुलाम अब्बास

नज़र का अपनी नज़रिया बदल के देख ज़रा

ग़ुलाम अब्बास

निगाह ख़ुद पे टिकी थी तो और क्या दिखता

ग़ुलाम अब्बास

नींद आई ही नहीं हम को न पूछो कब से

ग़ुलाम अब्बास

बे-क़रारी जो इधर है वो उधर है कि नहीं

ग़ुलाम अब्बास

बूँद की चाह

है चाह गिरूँ सीधे मुख में ग़ुलाम अब्बास

बला से अपनी अब आती रहे बहार कभी

ग़ुलाम अब्बास

मत कह बुरा किसी को जो कोई बुरा भी है

ग़ुलाम अब्बास

मिरे साक़िया सुराही मिरे हाथ में थमा दे

ग़ुलाम अब्बास

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ

ग़ुलाम अब्बास

रहबर ही न बन दोस्त का भी फ़र्ज़ निभा दोस्त

ग़ुलाम अब्बास

लोग कहें दीवाना तुझ को तू समझे तू दाना है

ग़ुलाम अब्बास

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे

ग़ुलाम अब्बास

शहर में मिलते हैं मुश्किल से कहीं चार काँधे भी उठाने के लिए

ग़ुलाम अब्बास

शहर में मिलते हैं मुश्किल से कहीं चार काँधे भी उठाने के लिए

ग़ुलाम अब्बास

सब दवाएँ तो हुईं अब ये दु'आ हो जाए

ग़ुलाम अब्बास

साक़िया लुत्फ़ मय का जब आए

ग़ुलाम अब्बास

साथ क्या सच का दे दिया हम ने

ग़ुलाम अब्बास

सामने जब है आइना होता

ग़ुलाम अब्बास

हम से हुई कि आप से ये बहस है फ़ुज़ूल

ग़ुलाम अब्बास

हर फ़िक्र से बेगाना-ओ-अंजान बना दे

ग़ुलाम अब्बास

हस्ती मिटा कर अपनी जब इक बूँद सागर में गिरी

ग़ुलाम अब्बास

हार में फँस के लटकने में मज़ा क्या है बता

ग़ुलाम अब्बास

असर उस को ज़रा नहीं होता

ग़ुलाम अब्बास

आनंदी

ग़ुलाम अब्बास

मैं ने रोका भी नहीं और वो ठहरा भी नहीं

ग़ुलाम अब्बास

हम से भागा न करो दूर ग़ज़ालों की तरह

ग़ुलाम अब्बास

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