तन पर उस के सीम फ़िदा और मुँह पर मह दीवाना है सयान चौधरी
न दिल भरा है न अब नम रहा है आँखों में सयान चौधरी
फिर के जो वो शोख़ नज़र कर गया सयान चौधरी
ये क्या कि इक जहाँ को करो वक़्फ़-ए-इज़्तिराब सयान चौधरी
ये क्या कि इक जहाँ को करो वक़्फ़-ए-इज़्तिराब सयान चौधरी
याद आता है रोज़ ओ शब कोई सयान चौधरी
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