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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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अबसार अब्दुल अली

अबसार अब्दुल अली

ग़ज़ल 2

 

नज़्म 2

 

अशआर 2

अपने दिल में आप ही रहता है वो

दूसरा क्या उस में रह सकता नहीं

वक़्त-ए-रुख़्सत भीगती पलकों का मंज़र याद है

फूल सी आँखों में शबनम की नमी अच्छी लगी

 

पुस्तकें 8

 

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