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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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अहमद दाऊद

1941 - 1994

समकालिक अफ़्साना निगारों में शामिल, रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की समस्याओं को विषय बनाने वाली कहानियों के लिए जाने जाते हैं।

समकालिक अफ़्साना निगारों में शामिल, रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की समस्याओं को विषय बनाने वाली कहानियों के लिए जाने जाते हैं।

अहमद दाऊद

कहानी 1

 

पुस्तकें 4

 

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