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Ain Tabish's Photo'

ऐन ताबिश

1958 | गया, भारत

प्रसिद्ध समकालीन शायर, अपनी नज़्मों के लिए मशहूर

प्रसिद्ध समकालीन शायर, अपनी नज़्मों के लिए मशहूर

ऐन ताबिश के ऑडियो

ग़ज़ल

आवारा भटकता रहा पैग़ाम किसी का

ऐन ताबिश

ख़ाकसारी थी कि बिन देखे ही हम ख़ाक हुए

ऐन ताबिश

ग़ुबार-ए-जहाँ में छुपे बा-कमालों की सफ़ देखता हूँ

ऐन ताबिश

घनी सियह ज़ुल्फ़ बदलियों सी बिला सबब मुझ में जागती है

ऐन ताबिश

मेरी तन्हाई के एजाज़ में शामिल है वही

ऐन ताबिश

यहाँ के रंग बड़े दिल-पज़ीर हुए हैं

ऐन ताबिश

वही जुनूँ की सोख़्ता-जानी वही फ़ुसूँ अफ़्सानों का

ऐन ताबिश

हयात-ए-सोख़्ता-सामाँ इक इस्तिअा'रा-ए-शाम

ऐन ताबिश

नज़्म

आँसुओं के रतजगों से

ऐन ताबिश

इक शहर था इक बाग़ था

ऐन ताबिश

बदलने का कोई मौसम नहीं होता

ऐन ताबिश

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