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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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ग़नाइयत और नग़्मगी के साथ विरह और मिलन की कैफ़ियतों से भरी रूमानी शायरी के लिए मशहूर

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ऐतबार साजिद की ई-पुस्तक

ऐतबार साजिद की पुस्तकें

3

Pazirai

1987

Samundar Ki Awaz

Bharat Mein Chand Roz

1989

ऐतबार साजिद पर पुस्तकें

2

Chahar-Soo

Shumara Number-000

2016

Shumara Number-000

2016

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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