- पुस्तक सूची 186301
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1926
औषधि893 आंदोलन293 नॉवेल / उपन्यास4453 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी11
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर64
- दीवान1439
- दोहा64
- महा-काव्य105
- व्याख्या182
- गीत83
- ग़ज़ल1133
- हाइकु12
- हम्द44
- हास्य-व्यंग36
- संकलन1550
- कह-मुकरनी6
- कुल्लियात679
- माहिया19
- काव्य संग्रह4917
- मर्सिया377
- मसनवी822
- मुसद्दस58
- नात542
- नज़्म1212
- अन्य68
- पहेली16
- क़सीदा186
- क़व्वाली19
- क़ित'अ61
- रुबाई292
- मुख़म्मस17
- रेख़्ती12
- शेष-रचनाएं27
- सलाम33
- सेहरा9
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई28
- अनुवाद73
- वासोख़्त26
अनीस अशफ़ाक़ के शेर
अनीस अशफ़ाक़इस पे हैराँ हैं ख़रीदार कि क़ीमत है बहुत
मेरे गौहर की तब-ओ-ताब नहीं देखते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़ये ख़ाना हमेशा से वीरान है
कहाँ कोई दिल के मकाँ में रहा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़देखा है किसी आहू-ए-ख़ुश-चश्म को उस ने
आँखों में बहुत उस की चमक आई हुई है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़हम तेरे आसमान में ऐ हर्फ़-ए-ए'तिबार
उड़ना तो चाहते हैं मगर पर कहाँ से लाएँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़क्यूँ नहीं होते मुनाजातों के मअनी मुन्कशिफ़
रम्ज़ बन जाता है क्यूँ हर्फ़-ए-दुआ हम से सुनो
-
टैग : दुआ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़दस्तक पे अब घरों से कोई बोलता नहीं
पहले ये शहर शहर-ए-'अदम-रफ़्तगाँ न था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़न मेरे हाथ से छुटना है मेरे नेज़े को
न तेरे तीर को तेरी कमाँ में रहना है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़उस की मुट्ठी में जवाहिर थे नज़र मेरी तरफ़
और मुझे पैराया-ए-अर्ज़-ए-हुनर आता न था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़जो सा'अत-ए-नुमूद वही वक़्त-ए-रफ़्त-ओ-बूद
दरिया में कितनी देर सफ़र है हुबाब का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़जौहर बग़ैर क़ीमत-ए-आईना कुछ नहीं
आईना ले भी आएँ तो जौहर कहाँ से लाएँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़हर तरफ़ गहरी सियाही है मुहीत-ए-'इश्क़ में
एक शम'-ए-दिल के बुझने से धुआँ कितना हुआ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अनीस अशफ़ाक़तो क्या हुआ जो गला ये रसन में रहने लगा
मज़ा तो दाना-ए-हक़ का दहन में रहने लगा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
join rekhta family!
-
बाल-साहित्य1926
-