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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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आरिफ़ बटालवी

चर्चित लेखक, आलोचक और शायर; अपनी सुंदर गद्य के लिए प्रसिद्ध. ‘ग़ालिब के रूमान’, ‘जन्नत में मुशायरा’ और ‘शरह ज़र्ब-ए-कलीम’ जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की

चर्चित लेखक, आलोचक और शायर; अपनी सुंदर गद्य के लिए प्रसिद्ध. ‘ग़ालिब के रूमान’, ‘जन्नत में मुशायरा’ और ‘शरह ज़र्ब-ए-कलीम’ जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की

आरिफ़ बटालवी के शेर

की इक नज़र कि तूर सरापा जला दिया

किस हौसले पे कोई तिरी आरज़ू करे

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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