- पुस्तक सूची 185975
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1973
जीवन शैली22 औषधि917 आंदोलन298 नॉवेल / उपन्यास4776 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी13
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर64
- दीवान1460
- दोहा48
- महा-काव्य108
- व्याख्या199
- गीत60
- ग़ज़ल1184
- हाइकु12
- हम्द46
- हास्य-व्यंग36
- संकलन1596
- कह-मुकरनी6
- कुल्लियात691
- माहिया19
- काव्य संग्रह5046
- मर्सिया384
- मसनवी836
- मुसद्दस58
- नात559
- नज़्म1246
- अन्य76
- पहेली16
- क़सीदा189
- क़व्वाली18
- क़ित'अ63
- रुबाई296
- मुख़म्मस17
- रेख़्ती13
- शेष-रचनाएं27
- सलाम33
- सेहरा9
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई30
- अनुवाद74
- वासोख़्त26
असग़र वजाहत की कहानियाँ
उनका डर
इस कहानी में अमरीका में चंद आला तालीम-याफ़ता तबक़े के मुकालमों के ज़रीए मुआशिरती तज़ाद को उजागर करने की कोशिश की गई है। अपने मालिक की बे-रोज़गारी, पढ़े-लिखे लोगों की बे-वक़्अती, फ़साद और पसमांदगी से घबरा कर अमरीका हिजरत करने वाले लोग वहाँ भी इस्लामी माहौल पैदा करने, उर्दू और मुशाईरों को ज़िंदा करने की बात करते हैं लेकिन उनकी गुफ़्तगू का एक एक जुमला सिर्फ़ पैसे के इर्द-गिर्द घूमता है और पैसा पैदा करने के लिए वो हर मुम्किन हर्बा आज़माने के लिए तैयार हैं। उनका डर ये है कि कहीं उनकी बेटियाँ स्कूल में सेक्स एजूकेशन की वजह से अपने ब्वॉय फ़्रेंड्ज़ के साथ मुबाशिरत न करने लगें, इसलिए मश्वरा दिया जाता है कि उन्हें चौदह-पंद्रह साल के बाद वतन भेज दिया जाए लेकिन वतन भेजने में जो परेशानियाँ और मसाइल हैं उनका ख़्याल आते ही सब चुप हो जाते हैं।
सरगम कोला
आर्ट और कल्चर के नाम पर जारी लूट-खसूट और फ़न से बे-बहरा लोगों को तंज़ की ज़द में लिया गया है। दास गुप्ता संगीत पारखी हैं लेकिन उनके पास टिकट के पैसे नहीं हैं कि वो अंदर जा सकें इसलिए वो ऑडीटोरियम के बाहर ही पान खोखा पर जा कर आग तापने लगते हैं। अंदर से नौजवानों का एक ग्रुप आता है जो मुसलसल इंग्लिश में बात करता है और जिसका संगीत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं सिवाए उसके कि वो आला तबक़े से हैं और टिकट ख़रीदने के लिए उनके पास पैसे हैं या मुफ़्त में उनको टिकट फ़राहम किया गया है। आख़िर में एक पुलिस अफ़्सर का ड्राईवर अंदर से चार पास माँग लाता है, एक पास दास गुप्ता को दे देता है और तीन आग में डाल देता है।
join rekhta family!
-
बाल-साहित्य1973
-