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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Ashfaq Husain's Photo'

अशफ़ाक़ हुसैन

1951 | कनाडा

कनाडा में प्रवासी उर्दू के मशहूर शायर

कनाडा में प्रवासी उर्दू के मशहूर शायर

अशफ़ाक़ हुसैन

ग़ज़ल 42

नज़्म 8

अशआर 16

तुम्हें मनाने का मुझ को ख़याल क्या आए

कि अपने आप से रूठा हुआ तो मैं भी हूँ

फूल महकेंगे यूँही चाँद यूँही चमकेगा

तेरे होते हुए मंज़र को हसीं रहना है

मैं अपनी प्यास में खोया रहा ख़बर हुई

क़दम क़दम पे वो दरिया पुकारता था मुझे

जो ख़्वाब की दहलीज़ तलक भी नहीं आया

आज उस से मुलाक़ात की सूरत निकल आई

दिल की जागीर में मेरा भी कोई हिस्सा रख

मैं भी तेरा हूँ मुझे भी तो कहीं रहना है

पुस्तकें 48

वीडियो 9

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वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अशफ़ाक़ हुसैन

Dil ik nai dunya e Maani se mila hai

अशफ़ाक़ हुसैन

Girti hai to gir jaye ye deewar e Sukoon bhi

अशफ़ाक़ हुसैन

Itna be nafa nahi usse bichadna mera

अशफ़ाक़ हुसैन

Tere pehlu me tere dil ke qareen rehna hai

अशफ़ाक़ हुसैन

Tere pehlu mein tere dil ke qareen rehna hai

Ashfaq Hussain reciting his Ghazal & Nazm at Jashn-e-Rekhta-2015. अशफ़ाक़ हुसैन

Yahi kahi koi awaz de raha tha mujhe

अशफ़ाक़ हुसैन

ज़ूमिंग

देखूँ जो आसमाँ से तो इतनी बड़ी ज़मीं अशफ़ाक़ हुसैन

ये दिल भी तो डूबेगा समुंदर में किसी के

अशफ़ाक़ हुसैन

ऑडियो 14

इतना बे-नफ़अ नहीं उस से बिछड़ना मेरा

गिरती है तो गिर जाए ये दीवार-ए-सुकूँ भी

ज़रा ज़रा ही सही आश्ना तो मैं भी हूँ

Recitation

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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