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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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अता आबिदी

1962 | पटना, भारत

पत्रकार और कवि,अपने बाल साहित्य के लिए जाने जाते हैं

पत्रकार और कवि,अपने बाल साहित्य के लिए जाने जाते हैं

अता आबिदी

अशआर 8

ज़रूरत ढल गई रिश्ते में वर्ना

यहाँ कोई किसी का अपना कब है

आज भी 'प्रेम' के और 'कृष्ण' के अफ़्साने हैं

आज भी वक़्त की जम्हूरी ज़बाँ है उर्दू

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सब्र की हद भी तो कुछ होती है

कितना पलकों पे सँभालूँ पानी

अदब ही ज़िंदगी में जब आया

अदब में इतनी मेहनत किस लिए है

कोई भी ख़ुश नहीं है इस ख़बर से

कि दुनिया जल्द लौटेगी सफ़र से

ग़ज़ल 11

नज़्म 11

पहेली 10

पुस्तकें 15

वीडियो 7

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वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
Khwaab ki Dilli

सपने में रात आई दिल्ली अता आबिदी

Koi bhi khush nahi hai is khabar se

अता आबिदी

Pas e Deewar Hujjat kis liye hai

अता आबिदी

Saanson ke taqqub mein heraan mili dunya

अता आबिदी

Tamasha zindagi ka roz o Shab hai

अता आबिदी

Tirgi shamma raah guzar main aai

अता आबिदी

Tujhko khiffat se bachalu paani

अता आबिदी

ऑडियो 7

कोई भी ख़ुश नहीं है इस ख़बर से

तुझ को ख़िफ़्फ़त से बचा लूँ पानी

तमाशा ज़िंदगी का रोज़ ओ शब है

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