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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Azhar Bakhsh Azhar's Photo'

अज़हर बख़्श अज़हर

1952 | नागपुर, भारत

अज़हर बख़्श अज़हर

ग़ज़ल 10

नज़्म 1

 

अशआर 13

आज 'अज़हर' से क्या मिले हो तुम

फूल जैसे खिले खिले हो तुम

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उन के ख़ेमों में हैं सब लोग कमर-बस्ता मगर

हम में ग़फ़्लत की है भर-मार ख़ुदा ख़ैर करे

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कहो हुस्न-ए-जमाल-यार से ये इतनी सज-धज क्यों

भरी बरसात में पौदों को पानी कौन देता है

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ख़ूँ-बहा देते हैं ज़ालिम तख़्त पाने के लिए

लोग कितना गिर गए ख़ुद को उठाने के लिए

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तुम ने देखा नहीं होगा कभी ऐसा क़ातिल

जो लहू चूसने का जश्न मनाने निकले

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