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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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अज़ीज़ हामिद मदनी

1922 - 1991 | कराची, पाकिस्तान

नई उर्दू शायरी के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर, उनकी कई ग़ज़लें गायी गई हैं।

नई उर्दू शायरी के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर, उनकी कई ग़ज़लें गायी गई हैं।

अज़ीज़ हामिद मदनी के ऑडियो

ग़ज़ल

क्या हुए बाद-ए-बयाबाँ के पुकारे हुए लोग

नोमान शौक़

ताज़ा हवा बहार की दिल का मलाल ले गई

मेहदी हसन

दिलों की उक़्दा-कुशाई का वक़्त है कि नहीं

नोमान शौक़

फ़िराक़ से भी गए हम विसाल से भी गए

नोमान शौक़

सलीब ओ दार के क़िस्से रक़म होते ही रहते हैं

नोमान शौक़

हज़ार वक़्त के परतव-नज़र में होते हैं

नोमान शौक़

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