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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Bhagwan Das Ejaz's Photo'

भगवान दास एजाज़

1932 - 2020 | दिल्ली, भारत

मशहूर शायर, अपने दोहों के लिए जाने जाते हैं

मशहूर शायर, अपने दोहों के लिए जाने जाते हैं

भगवान दास एजाज़

दोहा 56

ख़ुद ही अपनी मौत का बाँधे है सामान

अनजाने हैं रास्ते राही है नादान

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जल गई अपनी आग से जंगल की सब घास

धरती तब दुल्हन बने जब हो सावन मास

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मंज़िल से साए की तरह पीछे पीछे जाए

खुले किवाड़ों जब कोई अपना दर खटकाए

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हम इस घर में हैं घिरे जिस के आँख कान

निकल भागना भी कठिन दाँतों बीच ज़बान

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हाँ भई वो भी था समय भोले भाले लोग

सुनते थे कि रात में चिड़िया चुगती चोग

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