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दिवाकर राही

1914 - 1968 | रामपुर, भारत

प्रसिद्ध शायर, लोकप्रिय शे’र ‘अब तो इतनीभी मयस्सर नहीं मयखाने में - जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में’ के रचयिता

प्रसिद्ध शायर, लोकप्रिय शे’र ‘अब तो इतनीभी मयस्सर नहीं मयखाने में - जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में’ के रचयिता

दिवाकर राही की ई-पुस्तक

दिवाकर राही की पुस्तकें

6

Kulliyat-e-Rahi

Sad Chak

1985

Rahi Ke Badhte Qadam

Manzil ki Taraf

1969

Pankhudiyan

1993

Charagh-e-Manzil

1981

Recitation

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