Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Fatima Hasan's Photo'

प्रतिष्ठित शायरा

प्रतिष्ठित शायरा

फ़ातिमा हसन के ऑडियो

ग़ज़ल

आँखों में न ज़ुल्फ़ों में न रुख़्सार में देखें

फ़ातिमा हसन

क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं

फ़ातिमा हसन

किस से बिछड़ी कौन मिला था भूल गई

अज़रा नक़वी

कौन ख़्वाहिश करे कि और जिए

फ़ातिमा हसन

ख़्वाब गिरवी रख दिए आँखों का सौदा कर दिया

फ़ातिमा हसन

ख़ुशबू है और धीमा सा दुख फैला है

अज़रा नक़वी

ख़ुशबू है और धीमा सा दुख फैला है

अज़रा नक़वी

ज़मीं से रिश्ता-ए-दीवार-ओ-दर भी रखना है

अज़रा नक़वी

जाता है जो घरों को वो रस्ता बदल दिया

अज़रा नक़वी

मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी

फ़ातिमा हसन

रूह की माँग है वो जिस्म का सामान नहीं

अज़रा नक़वी

नज़्म

अच्छा लगता है

फ़ातिमा हसन

मनाज़िर ख़ूब-सूरत हैं

फ़ातिमा हसन

मेरी बेटी चलना सीख गई

फ़ातिमा हसन

मौसम की पहली बारिश

अज़रा नक़वी

वो इक लम्हा

अज़रा नक़वी

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए