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हिजाब इम्तियाज़ अली की कहानियाँ
अंधी मोहब्बत
किसी दुर्घटना में अंधी हुई एक लड़की की कहानी है। जो डॉक्टर उसका इलाज कर रहा है, लड़की को उस डाक्टर से मोहब्बत हो जाती है। उन दोनों की शादी भी हो जाती है। लड़की के आँखों के ऑपरेशान के बाद जब वह अपने शौहर को देखती है तो उसे देखकर वह इतनी हैरान होती है कि वह दिल ही दिल में दुआ करती है कि काश, उसकी आँखें ठीक नहीं हुई होतीं। लड़की की यह हालत देखकर उसका डाक्टर शौहर उसे अपने अस्सिटेंट के हवाले कर के उसकी ज़िंदगी से चला जाता है।
सनोबर के साये
यह एक ऐसे शख़्स की कहानी है, जो शक की वजह से अपनी बीवी का क़त्ल कर देता है। बहुत साल पहले वह उस जगह घूमने के लिए आया था और उस लड़की से मोहब्बत कर बैठा था। उसने उस लड़की से शादी की और वहीं का हो कर रह गया। एक रोज़ उसकी बीवी ने एक ख़्वाब देखा और उस ख़्वाब को हक़ीक़त में तब्दील होने से रोकने के लिए उनकी ज़िंदगी में कुछ ऐसी तब्दीली आई कि उस शख़्स ने अपनी बीवी का ही क़त्ल कर दिया।
मोहब्बत या हलाकत?
कहानी एक ऐसे शख़्स की दास्तान को बयान करती है जो अपनी चचाज़ाद बहन से बहुत मोहब्बत करता है। एकाएक वह चचाज़ाद बीमार पड़ जाती है और उसके इलाज के लिए एक नौजवान डॉक्टर आने लगता है। चचाज़ाद डॉक्टर की तरफ़ मुतवज्जा होने लगती है और वह उसी से शादी करने का फै़सला कर लेती है। उसके इस फ़ैसले पर उसका चचाज़ाद भाई अपने उस रक़ीब डाक्टर का क़त्ल कर देता है।
मेरी ना-तमाम मोहब्बत
यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसे अपने से दोगुनी उम्र के मर्द से मोहब्बत हो जाती है। उसके माँ-बाप बहुत खुले मिज़ाज के हैं और हर बात में अपनी बेटी की मश्वरे को तरजीह देते हैं। इन सबके बावजूद वह उस मर्द से शादी नहीं कर पाती है।
उसका एक हाथ कटा हुआ था
कहानी एक ऐसे होटल के गिर्द घूमती है, जिसमें एक विशेष तारीख़ की रात को एक औरत का बहुत दर्दनाक ढंग से क़त्ल हो जाता है। उसके बाद से होटल वाले हर साल उस विशेष तारीख़ को होटल ख़ाली कर के चले जाते हैं, क्योंकि उनका वहम था कि उस औरत का भूत अपना इंतिक़ाम लेने के लिए वहाँ आता है। मगर इत्तेफ़ाक़ से उस विशेष तारीख़ को उस होटल में दो फ़ौजी ठहरे तो उन्होंने उस औरत और उसके क़त्ल की पूरी हक़ीक़त सामने रख दी।
हमजिन्स बा हमजिन्स
यह एक ऐसे जोड़े की कहानी है जिनकी शादियाँ अधेड़ उम्र के साथियों के साथ हो जाती हैं। इत्तेफ़ाक़ से एक सफ़र के दौरान उन दोनों की मुलाक़ात होती है और फिर उसके बाद उनकी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल जाती है।
ज़ालिम मोहब्बत
यह एक औरत और दो मर्दों की कहानी है। पहला मर्द औरत से बेपनाह मोहब्बत करता है और दूसरे मर्द को यह ख़बर तक नहीं कि वह औरत उसे चाहती है। एक दिन वह दूसरे मर्द के पास जाती है और उसके सामने अपने दिल की बात को एक कहानी के प्लॉट के रूप में पेश करते हुए उस उलझन का हल उस मर्द से पूछती है।
एहतियात-ए-इश्क़
कहानी एक ऐसी लड़की की है, जिसने अपने प्रेमी को एक साल पहले देखा था और उसकी आँखों में उसकी वही छवि बसी हुई थी। अब जबकि वह उससे मिलने आ रहा था तो वह उसके इस्तिक़बाल में कोई कमी नहीं रहने देना चाहती थी। उसने सुना था कि उसका महबूब फौज में भर्ती हो गया है, इससे उसमें कुछ बांकपन आ गया होगा। मगर जब उसने उसे एयरपोर्ट पर देखा तो वह उसे देखकर इस क़दर हैरान हुई कि एक बार तो उसने उसे पहचानने से ही इंकार दिया।
जनाज़ा
यह मस्जिद के एक मुअज्ज़िन की कहानी है, जो रात में मस्जिद में ही सो जाया करता था। एक रोज़ मस्जिद में नमाज़-ए-जनाज़ा के लिए एक जनाज़ा लाया जाता है कि तभी बारिश होने लगी। लोग जनाज़े को उसके सुपुर्द करके घर चले गए कि बारिश खुलने पर जनाज़े को दफ़न किया जाएगा। रात को जनाज़े के पास अकेले बैठे मुअज्ज़िन के सामने एक ऐसा वाक़िआ पेश आया कि सुबह होते ही उसकी भी मौत हो गई।
ममी-ख़ाने में एक रात
यह एक एक्सपेरिमेंटल कहानी है। एक डॉक्टर ने अपने पोस्टमार्टम हाउस का नाम ममी ख़ाना रखा होता है। उस इलाक़े में हैज़े की महामारी फैली हुई है। सारा दिन भर हँसता खेलता इंसान शाम तक काल के गाल में समा जाता था। ममी ख़ाने में लाशों का अंबार लगा हुआ है और उन्हीं लाशों के साथ डाक्टर अपना प्रयोग करता है।
वो क़दीम उदास रात
यह कहानी दो ऐसी ही सहेलियों की है जो बाहर से जितना एक-दूसरे के क़रीब दिखाई देती हैं अस्ल में दोनों एक दूसरे से दूर हैं। एक उदास रात में, जबकि हर तरफ़ ख़ामोशी और हर तरफ़ उदासी है, दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बात कहती हैं और सुकून महसूस करती हैं।
वो तरीक़ा तो बता दो तुम्हें चाहें क्यूँकर?
यह नौजवान मोहब्बत की कहानी है। एक नौजवान एक लड़की से बेहद मोहब्बत करता है लेकिन लड़की उसके मोहब्बत के इज़हार के हर ढंग को दक़ियानूसी, पुराना और बोर कहती रहती है। फिर एकाएक जब नौजवान उसे धमकी देता हुआ अपनी मोहब्बत का इज़हार करता है तो लड़की मान जाती है कि उसमें मोहब्बत को ज़ाहिर करने की सलाहियत मौजूद है।
बीमार-ए-ग़म
यह कहानी समाज में औरत की स्थिति को बयान करती है। हमारे समाज ने औरत को हर तरह के हक़ दे रखे हैं। मगर जिस हक़ की उसे सबसे ज़्यादा ज़रूरत है उसी से उसे महरूम कर रखा है और वह हक़ है अपनी पसंद का जीवन-साथी चुनने का। अगर यह हक़ उसे नहीं तो फिर इस ज़िंदगी का फ़ायदा ही क्या।
मेहमान-दारी
यह एक हॉरर क़िस्म की कहानी है। दो लड़कियाँ एक प्रोफे़सर के साथ समुंद्र के खंडहर की सैर के लिए रात का सफ़र तय कर दूसरे शहर जाते हैं। उस शहर में वे एक मादाम के घर में ठहरते हैं, लेकिन जब उस मादाम की हक़ीक़त का पता चलता है तो हालात दूसरा ही रुख़ इख्त़ियार कर लेते हैं।
कोंट इलियास की मौत
यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो सैर के लिए एक पहाड़ी इलाके़ में गई है कि उसे अपने चाचा की बीमारी का ख़त मिलता है। उसके घर पहुँचने के अगले ही दिन चाचा की मौत हो जाती है। चाचा की मौत के बाद घर वालों के सामने कुछ ऐसे अजीब-ओ-ग़रीब वाक़िआत पेश आते हैं जो उनके लिए बहुत डरावने डरावने साबित होते हैं।
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