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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Iftikhar Arif's Photo'

इफ़्तिख़ार आरिफ़

1943 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान

पाकिस्तान में अग्रणी शायरों में शामिल, अपनी सांस्कृतिक रूमानियत के लिए मशहूर।

पाकिस्तान में अग्रणी शायरों में शामिल, अपनी सांस्कृतिक रूमानियत के लिए मशहूर।

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इफ़्तिख़ार आरिफ़

इफ़्तिख़ार आरिफ़

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इफ़्तिख़ार आरिफ़

Fikr-e-baland o tamasha kahaan se laye

इफ़्तिख़ार आरिफ़

Iftikhar Arif expressing his views on today's poetry and reciting his poetry

इफ़्तिख़ार आरिफ़

log pahchan nahin paaenge chehra apna

इफ़्तिख़ार आरिफ़

Mayaar-r-sharaf halka-e-arbaab-e-hunar mein

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कूच

जिस रोज़ हमारा कूच होगा इफ़्तिख़ार आरिफ़

हम अपने रफ़्तगाँ को याद रखना चाहते हैं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

अब भी तौहीन-ए-इताअत नहीं होगी हम से

इफ़्तिख़ार आरिफ़

अभी कुछ दिन लगेंगे

अभी कुछ दिन लगेंगे इफ़्तिख़ार आरिफ़

उमीद-ओ-बीम के मेहवर से हट के देखते हैं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कूच

जिस रोज़ हमारा कूच होगा इफ़्तिख़ार आरिफ़

कहाँ के नाम ओ नसब इल्म क्या फ़ज़ीलत क्या

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कोई जुनूँ कोई सौदा न सर में रक्खा जाए

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कोई तो फूल खिलाए दुआ के लहजे में

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कोई मुज़्दा न बशारत न दुआ चाहती है

इफ़्तिख़ार आरिफ़

खज़ाना-ए-ज़र-ओ-गौहर पे ख़ाक डाल के रख

इफ़्तिख़ार आरिफ़

बद-शुगूनी

अजब घड़ी थी इफ़्तिख़ार आरिफ़

बारहवाँ खिलाड़ी

ख़ुश-गवार मौसम में इफ़्तिख़ार आरिफ़

हम अपने रफ़्तगाँ को याद रखना चाहते हैं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

हास्य वीडियो

शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

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