इक़बाल अज़ीम (1913-2000) ग़ज़ल की पारंपरिक शब्दावली के साथ, ग़ज़ल को ज़िन्दगी की नई सच्चाइयों से परिचित कराने वाले प्रमुख शाइरों में शामिल। मेरठ (उत्तर प्रदेश) में जन्म और आगरा युनिवर्सिटी में तालीम। 1950 में ढाका चले गए जहाँ उर्दू के प्रोफ़ेसर रहे। आख़िरी तीस साल कराची में गुज़ारे। ‘सफ़ी’ लखनवी और ‘वहशत’ कलकत्तवी के शागिर्द।