aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Jafar Malihabadi's Photo'

जाफ़र मलीहाबादी

1946 | लखनऊ, भारत

जाफ़र मलीहाबादी

अशआर 4

वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे

हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे

  • शेयर कीजिए

दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो

निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो

  • शेयर कीजिए

अहल-ए-वतन शाम-ओ-सहर जागते रहना

अग़्यार हैं आमादा-ए-शर जागते रहना

  • शेयर कीजिए

बनाना है हमें अब अपने हाथों अपनी क़िस्मत को

हमें अपने वतन का आप बेड़ा पार करना है

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 7

 

"लखनऊ" के और लेखक

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए