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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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जवाहर सिंह जौहर

- 1913

जवाहर सिंह जौहर के शेर

ख़ार की तरह मिली बाग़-ए-जहाँ में तक़दीर

जिस से लिपटूँ वो छुड़ा लेता है दामन अपना

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