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जिलानी बानो

1936 | हैदराबाद, भारत

नामचीन कथाकर और अनुवादक, उपन्यास ‘ऐवान-ए-ग़ज़ल’ की लेखिका एवं पद्मश्री से सम्मानित।

नामचीन कथाकर और अनुवादक, उपन्यास ‘ऐवान-ए-ग़ज़ल’ की लेखिका एवं पद्मश्री से सम्मानित।

जिलानी बानो की कहानियाँ

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ऐ दिल ऐ दिल

नादीदा महबूबा के इश्क़ में मुब्तिला होने की दिलचस्प दास्तान है। इसमें इंसान की नफ़्सियाती पेचीदगियों को सुंदर ढंग से बयान किया गया है। महमूद एक शर्मीला और भोला सा कॉलेज का छात्र है जबकि उसका दोस्त तारिक़ एक मनचले क़िस्म का नौजवान है, जो राह चलते लड़कियों पर फ़ब्तियाँ कसने और बालकनियों में खड़ी कुमारियों को देखकर आहें भरने से भी बाज़ नहीं आता। एक दिन तारिक़ ने अपनी आदत के अनुसार बालकनी में खड़ी एक लड़की को देखकर आहें भरनी शुरू कीं और फिर उसकी तारीफ़ों में क़सीदे पढ़ने शुरू कर दिए। महमूद पर उन तारीफ़ों का अजीब नफ़्सियाती असर हुआ। कुछ तो तारिक़ की वाकपटुता और कुछ अपनी स्वाभाविक जिज्ञासा के आधार पर वो नादीदा महबूब की मुहब्बत में मुब्तिला होता गया। अपने ग़म को ग़लत करने की ख़ातिर उसने शायरी शुरू कर दी और बहुत जल्द उसकी गिनती शहर के मशहूर शायरों में होने लगी। शादी की तरफ़ से उसका दिल उचाट था लेकिन बहनों के आग्रह से मजबूर हो कर उसने शादी कर ली। तीन बच्चों की पैदाइश की बावजूद वो अपनी बीवी को मुहब्बत और तवज्जो न दे सका। दस साल के बाद जब तारिक़ उसके घर आता है और उसकी बीवी को देखता है तो ये रहस्य खुलता है कि महमूद जिस नादीदा महबूबा के फ़िराक़ में घुले जा रहे हैं वो उनकी यही बीवी है।

ड्रीम लैंड

औरत के जद्द-ओ-जहद, त्याग और शोषण की कहानी है। ड्रीम लैंड राधा किशन जागीरदार की कोठी का नाम है जो अपनी इमारत की साख बचाने के लिए जवाहिरात को बेच बेच कर इलेक्शन लड़ रहे हैं। नैना उनकी ख़ूबसूरत तरीन लड़की है और रहमान सेठ उनकी महबूबा निशात के ताजिर शौहर हैं। राधा किशन पच्चास हज़ार में नैना का भी सौदा कर लेते हैं और जब वो बच्चे की माँ बनने वाली होती है तो निशात नैना को उसकी वफ़ादार और राज़दार नौकरानी रोशनी के साथ मैसूर ले जाती है। वापसी पर बच्चा रोशनी से मंसूब हो जाता है, लेकिन तारा जो नैना की कज़न थी, हमेशा रौशनी पर तंज़ करती रहती थी और निचले तबक़े के आधार पर नफ़रत भी करती थी। राधा किशन जब इलेक्शन हार जाते हैं तो तारा के उकसाने पर राधा किशन रौशनी को मनहूस समझ बैठते हैं और घर से बाहर निकाल देने का हुक्म दे देते हैं।

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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