करम हैदरी 1918 को मरी में पैदा हुए. मलिक करमदाद नाम था. करम हैदरी के नाम से अदबी दुनिया में मशहूर हुए. करम का खानदान एक प्रसिद्ध शिक्षित परिवार था. उनके दादा, पिता और माता सब अरबी व फ़ारसी जानते थे और प्रतिष्ठित सरकारी पदों पर आसीन थे. घर के इस शिक्षा की परम्परा से करम ने भी लाभ उठाया. बहुत छोटी उम्र से शायरी करने लगे. 19 वर्ष की अवस्था में उनकी नज़्मों और ग़ज़लों का संग्रह ‘मुसिक़ार’ के नाम से प्रकाशित हुआ. उसकेबाद करम के अनगिनत काव्य संग्रह प्रकाशित हुए. करम ने गद्य में भी कई किताबें लिखीं. पाकिस्तान के सांस्कृतिक मसाइल से करम को ख़ास दिलचस्पी थी. इन विषयों पर करम ने कई आलेख लिखे. उनकी गद्य की पुस्तकों के नाम ये हैं: ‘मिल्लत का पासबान,’ क़ाइद-ए-आज़म और इस्लाम,’ ‘दास्तान-ए-मरी,’ ‘सरज़मीन-ए-पोठुहार,’ ‘आज़ादी-ए-मौहूम.