Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Khalilur Rahman Azmi's Photo'

ख़लील-उर-रहमान आज़मी

1927 - 1978 | अलीगढ़, भारत

आधुनिक उर्दू आलोचना के संस्थापको में अग्रणी।

आधुनिक उर्दू आलोचना के संस्थापको में अग्रणी।

ख़लील-उर-रहमान आज़मी

ग़ज़ल 66

नज़्म 36

अशआर 56

यूँ तो मरने के लिए ज़हर सभी पीते हैं

ज़िंदगी तेरे लिए ज़हर पिया है मैं ने

  • शेयर कीजिए

जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही

जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला

भला हुआ कि कोई और मिल गया तुम सा

वगर्ना हम भी किसी दिन तुम्हें भुला देते

जाने क्यूँ इक ख़याल सा आया

मैं हूँगा तो क्या कमी होगी

निकाले गए इस के मअ'नी हज़ार

अजब चीज़ थी इक मिरी ख़ामुशी

  • शेयर कीजिए

लेख 4

 

पुस्तकें 57

चित्र शायरी 8

 

वीडियो 3

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
तू भी अब छोड़ दे साथ ऐ ग़म-ए-दुनिया मेरा

ख़लील-उर-रहमान आज़मी

बन-बास

मैं कि ख़ुद अपनी ही आवाज़ के शो'लों का असीर ख़लील-उर-रहमान आज़मी

है 'अजीब चीज़ मय-ए-जुनूँ कभी दिल की प्यास नहीं बुझी

ख़लील-उर-रहमान आज़मी

ऑडियो 3

आईना-दर-आईना

बन-बास

सौदा-गर

Recitation

 

संबंधित लेखक

"अलीगढ़" के और लेखक

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए