Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Mahboob Khizan's Photo'

महबूब ख़िज़ां

1930 - 2013 | कराची, पाकिस्तान

पाकिस्तान में नई ग़ज़ल के प्रतिष्ठित शायर

पाकिस्तान में नई ग़ज़ल के प्रतिष्ठित शायर

महबूब ख़िज़ां के वीडियो

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

महबूब ख़िज़ां

महबूब ख़िज़ां

महबूब ख़िज़ां

'ख़िज़ाँ' में ख़ूबियाँ ऐसे बहुत हैं

महबूब ख़िज़ां

चाँद के मुसाफ़िर

ज़िंदगी को देखा है ज़िंदगी से भागे हैं महबूब ख़िज़ां

मोहब्बत पर न भूलो मोहब्बत बे-कसी है

महबूब ख़िज़ां

ये जो हम कभी कभी सोचते हैं रात को

महबूब ख़िज़ां

महबूब ख़िज़ां

अकेली बस्तियाँ

बे-कस चमेली फूले अकेली आहें भरे दिल-जली महबूब ख़िज़ां

चाही थी दिल ने तुझ से वफ़ा कम बहुत ही कम

महबूब ख़िज़ां

दीवार से गुफ़्तुगू

किसी हँसती बोलती जीती-जागती चीज़ पर महबूब ख़िज़ां

मोहब्बत को गले का हार भी करते नहीं बनता

महबूब ख़िज़ां

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो
कोई क़रीब न आए शिकस्ता-पा हूँ मैं

कोई क़रीब न आए शिकस्ता-पा हूँ मैं ग़ुलाम अली

चाही थी दिल ने तुझ से वफ़ा कम बहुत ही कम

चाही थी दिल ने तुझ से वफ़ा कम बहुत ही कम एजाज़ हुसैन हज़रावी

हाल ऐसा नहीं कि तुम से कहें

हाल ऐसा नहीं कि तुम से कहें फ़रीदा ख़ानम

शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अन्य वीडियो

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए