Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Maikash Akbarabadi's Photo'

मयकश अकबराबादी

1902 - 1991 | आगरा, भारत

प्रसिद्ध शायर के अलावा आलोचक और इक़बालिया के विशेषज्ञ थे और तसव्वुफ इनका मिज़ाज था।

प्रसिद्ध शायर के अलावा आलोचक और इक़बालिया के विशेषज्ञ थे और तसव्वुफ इनका मिज़ाज था।

मयकश अकबराबादी

ग़ज़ल 26

नज़्म 17

अशआर 14

मिरे फ़ुसूँ ने दिखाई है तेरे रुख़ की सहर

मिरे जुनूँ ने बनाई है तेरे ज़ुल्फ़ की शाम

  • शेयर कीजिए

तिरी ज़ुल्फ़ों को क्या सुलझाऊँ दोस्त

मिरी राहों में पेच-ओ-ख़म बहुत हैं

आप की मेरी कहानी एक है

कहिए अब मैं क्या सुनाऊँ क्या सुनूँ

  • शेयर कीजिए

पहुँच ही जाएगा ये हाथ तेरी ज़ुल्फ़ों तक

यूँही जुनूँ का अगर सिलसिला दराज़ रहा

  • शेयर कीजिए

थी जुनूँ-आमेज़ अपनी गुफ़्तुगू

बात मतलब की भी लेकिन कह गए

लेख 1

 

पुस्तकें 17

"आगरा" के और लेखक

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए