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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Mashkoor Husain Yaad's Photo'

मशकूर हुसैन याद

1925 - 2017 | लाहौर, पाकिस्तान

मशकूर हुसैन याद के शेर

आँसू आँसू जिस ने दरिया पार किए

क़तरा क़तरा आब में उलझा बैठा है

ख़ुश हो आँसुओं की बारिश पर

बर्क़ है चश्म-ए-तर के पहलू में

बेहतर है कि अब ख़ुद से जुदा हो के भी देखें

दरिया में तो दरिया का हवाला नहीं मिलता

नक़ाब उठाओ तो हर शय को पाओगे सालिम

ये काएनात ब-तौर-ए-हिजाब टूटती है

उम्र गुज़री सफ़र के पहलू में

ख़ूब से ख़ूब-तर के पहलू में

आला में तो अदना के हवाले ही हवाले

अदना ही में आला का हवाला नहीं मिलता

इन अश्कों का दिल से क्या तअल्लुक़

ये शोले जिगर से रहे हैं

हमारे आसमाँ का हर सितारा सब पे रौशन है

किसी ज़ख़्म-ए-मोहब्बत को निहाँ हम ने नहीं रक्खा

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