- पुस्तक सूची 183345
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1920
औषधि864 आंदोलन290 नॉवेल / उपन्यास4256 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी11
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर64
- दीवान1430
- दोहा64
- महा-काव्य98
- व्याख्या182
- गीत81
- ग़ज़ल1062
- हाइकु12
- हम्द42
- हास्य-व्यंग36
- संकलन1536
- कह-मुकरनी6
- कुल्लियात666
- माहिया19
- काव्य संग्रह4804
- मर्सिया374
- मसनवी811
- मुसद्दस56
- नात528
- नज़्म1177
- अन्य68
- पहेली16
- क़सीदा178
- क़व्वाली19
- क़ित'अ60
- रुबाई290
- मुख़म्मस17
- रेख़्ती12
- शेष-रचनाएं27
- सलाम33
- सेहरा9
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई28
- अनुवाद73
- वासोख़्त26
मुल्ला नसरुद्दीन के क़िस्से
जो कह दिया सो कह दिया
एक बार एक आदमी ने मुल्ला जी से पूछा, आपकी उम्र क्या है? उन्होंने कहा, चालीस साल। बात आई गई हुई। कोई दस साल गुज़र गए। फिर किसी ने उनसे पूछा, आपकी उम्र क्या है? मुल्ला जी ने फिर वही जवाब दिया, चालीस साल। उस वक़्त उनके पास कुछ वो लोग भी खड़े थे जिन्होंने
गधा घर पर नहीं है
मुल्ला जी के एक पड़ोसी ने थोड़ी देर के लिए उनका गधा मांगा। मुल्ला जी अपना गधा देना नहीं चाहते थे। उन्होंने बहाना किया, गधा यहाँ नहीं है। उसी वक़्त मकान के पीछे से गधे के रेंकने की आवाज़ सुनाई दी। पड़ोसी ने शिकायत की, मुल्ला जी, आपने तो कहा था कि गधा नहीं
join rekhta family!
-
बाल-साहित्य1920
-