Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Muneer Niyazi's Photo'

मुनीर नियाज़ी

1928 - 2006 | लाहौर, पाकिस्तान

पाकिस्तान के आग्रणी आधुनिक शायरों में विख्यात/फि़ल्मों के लिए गीत भी लिखे

पाकिस्तान के आग्रणी आधुनिक शायरों में विख्यात/फि़ल्मों के लिए गीत भी लिखे

मुनीर नियाज़ी के ऑडियो

ग़ज़ल

आ गई याद शाम ढलते ही

नोमान शौक़

आइना अब जुदा नहीं करता

नोमान शौक़

इक मसाफ़त पाँव शल करती हुई सी ख़्वाब में

नोमान शौक़

इतने ख़ामोश भी रहा न करो

नोमान शौक़

इम्तिहाँ हम ने दिए इस दार-ए-फ़ानी में बहुत

नोमान शौक़

इस शहर-ए-संग-दिल को जला देना चाहिए

नोमान शौक़

उस का नक़्शा एक बे-तरतीब अफ़्साने का था

नोमान शौक़

और हैं कितनी मंज़िलें बाक़ी

नोमान शौक़

कोई हद नहीं है कमाल की

नोमान शौक़

ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे

नोमान शौक़

थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ

नोमान शौक़

थकन से राह में चलना मुहाल भी है मुझे

नोमान शौक़

थी जिस की जुस्तुजू वो हक़ीक़त नहीं मिली

नोमान शौक़

नाम बेहद थे मगर उन का निशाँ कोई न था

नोमान शौक़

बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना

नोमान शौक़

बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना

फ़हद हुसैन

मेरी सारी ज़िंदगी को बे-समर उस ने किया

नोमान शौक़

महफ़िल-आरा थे मगर फिर कम-नुमा होते गए

नोमान शौक़

ये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ

नोमान शौक़

रात इतनी जा चुकी है और सोना है अभी

नोमान शौक़

सुन बस्तियों का हाल जो हद से गुज़र गईं

नोमान शौक़

साअत-ए-हिज्राँ है अब कैसे जहानों में रहूँ

नोमान शौक़

हँसी छुपा भी गया और नज़र मिला भी गया

नोमान शौक़

नज़्म

आख़िरी उम्र की बातें

नोमान शौक़

आमद-ए-शब

नोमान शौक़

इन लोगों से ख़्वाबों में मिलना ही अच्छा रहता है

नोमान शौक़

एक लड़की

फ़हद हुसैन

ख़्वाहिश के ख़्वाब

नोमान शौक़

छै रंगीं दरवाज़े

नोमान शौक़

डराए गए शहरों के बातिन

नोमान शौक़

तिलिस्मात

नोमान शौक़

दुश्मनों के दरमियान शाम

नोमान शौक़

मैं और बादल

नोमान शौक़

मैं और मेरा ख़ुदा

नोमान शौक़

मैं और वो

नोमान शौक़

मैं और शहर

नोमान शौक़

वतन में वापसी

नोमान शौक़

विसाल की ख़्वाहिश

नोमान शौक़

शब-ख़ूँ

नोमान शौक़

सदा ब-सहरा

नोमान शौक़

हमेशा देर कर देता हूँ

नोमान शौक़

हमेशा देर कर देता हूँ

मुनीर नियाज़ी

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए