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Munshi Naubat Rai Nazar Lakhnavi's Photo'

मुंशी नौबत राय नज़र लखनवी

1864 - 1923 | लखनऊ, भारत

शायर, ख़दंग-ए-नज़र, ज़माना कानपुर और अदीब जैसी पत्रिकाओं के संपादक

शायर, ख़दंग-ए-नज़र, ज़माना कानपुर और अदीब जैसी पत्रिकाओं के संपादक

मुंशी नौबत राय नज़र लखनवी

ग़ज़ल 25

नज़्म 1

 

अशआर 12

गुफ़्तुगू की तुम से आदत हो गई है वर्ना में

जानता हूँ बात करती है कहीं तस्वीर भी

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फ़िक्र-ए-मआल थी ग़म-ए-रोज़गार था

हम थे जहाँ में और तिरा इंतिज़ार था

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देखना है किस में अच्छी शक्ल आती है नज़र

उस ने रक्खा है मिरे दल के बराबर आईना

तुम ऐसे बे-ख़बर भी शाज़ होंगे इस ज़माने में

कि दिल में रह के अंदाज़ा नहीं है दिल की हालत का

फ़ना होने में सोज़-ए-शम'अ की मिन्नत-कशी कैसी

जले जो आग में अपनी उसे परवाना कहते हैं

पुस्तकें 65

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