नामी नादरी के शेर
ज़िंदगी बस मुस्कुरा के रह गई
क्यों हमें नाहक़ रिझा के रह गई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उरूज पर है अज़ीज़ो फ़साद का सूरज
जभी तो सूखती जाती हैं प्यार की झीलें
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हुस्न वालों की जसारत क्या कहें
शर्मसारी सर झुका के रह गई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड