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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़

1866 | दिल्ली, भारत

क्लासिकी दौर के नुमायाँ शायरों में से एक

क्लासिकी दौर के नुमायाँ शायरों में से एक

परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ के ऑडियो

ग़ज़ल

करेंगे ज़ुल्म दुनिया पर ये बुत और आसमाँ कब तक

अज़रा नक़वी

किसी की किसी को मोहब्बत नहीं है

अज़रा नक़वी

न आया कर के व'अदा वस्ल का इक़रार था क्या था

अज़रा नक़वी

नए ग़म्ज़े नए अंदाज़ नज़र आते हैं

अज़रा नक़वी

बदली हुई है चर्ख़ की रफ़्तार आज-कल

अज़रा नक़वी

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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