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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़

1866 | दिल्ली, भारत

क्लासिकी दौर के नुमायाँ शायरों में शामिल

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परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ की ग़ज़लें

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