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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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राबिया पिन्हाँ

1906 - 1972 | इलाहाबाद, भारत

राबिया पिन्हाँ

ग़ज़ल 1

 

नज़्म 1

 

अशआर 1

दीदनी है तिरे इ'ताब का रंग

शीशा-ए-चश्म में शराब का रंग

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