उपनाम : 'राग़िब'
मूल नाम : सय्यद असग़र हुसैन
जन्म : 27 Mar 1918 | दिल्ली
निधन : 19 Jan 2011 | कराची, सिंध
हक़ीक़त को छुपाया हम से क्या क्या उस के मेक-अप ने
जिसे लैला समझ बैठे थे वो लैला की माँ निकली
रागिब मुरादाबादी 27 मार्च 1918 को देहली में पैदा हुए. उनका पैतृकस्थान मुरादाबाद था. विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गये. बी.ए. तक शिक्षा प्राप्त की उसकेबाद तिब्बिया कालेज दिल्ली से तिब की सनद हासिल की लेकिन सरकारी नौकरी को आजीविका का साधन बनाया. सिंध सरकार के लेबर विभाग से जनसंपर्क अधिकारी के रूप में सेवानिवृत हुए.
रागिब मुरादाबादी ने 1932 में शे’र कहना आरंभ किया. ग़ज़ल के अलावा और कई विधाओं में शायरी की. उर्दू और फ़ारसी दोनों ज़बानों में शे’र कहते थे. रागिब ने क़ौमी और मिल्ली विषयों पर नज़्में भी कहीँ. उनकी यह नज़्में ‘अज्म व ईसार’ के नाम से प्रकाशित हुईं. ‘साग़र सदरँग,’ ‘हमारा कश्मीर,’ ‘नज़रे शुहदाए करबला,’ ‘तहरीक,’ ‘तर्गीब,’ ‘मिद्हत-ए-खैरुलबशर,’ ‘मदह-ए-रसूल,’ ‘हफ्त आसमां,’(रुबाईयात) ‘रगे गुफ़्तार,’ उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं.