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राम कुमार

राम कुमार की कहानियाँ

दीमक

एक ऐसे लड़के की कहानी है जो अपने वालिद से नाराज़ हो कर एक शहर में मुलाज़मत करने चला आया था। वो अपने वालिद की आदतों से पहले भी नालाँ था और माँ के इंतिक़ाल के बाद जब एक दिन वो गिरफ़्तार हो गए तो उसकी नफ़रतों में इज़ाफ़ा हो गया। जिस दिन वो रिहा हो कर वापिस आए उसी दिन वो मामूली सा सामान लेकर घर से निकल पड़ा और उसके वालिद उसको रोकने की हिम्मत भी ना कर सके। आठ साल बाद अचानक वो बेटे के कमरे पर पहुँच जाते हैं और बारह दिन रुक कर अचानक एक दिन चले जाते हैं। बेटे को कमरे में रखे हुए ख़त से पता चलता है कि वो माँ की वो संदूक़ची देने आए थे जिसमें उसके गहने रखे हुए थे और बचपन में जब वो माँ से उन गहनों को देखने की ज़िद किया करता था तो माँ कहती थी तेरी दुल्हन के लिए ही तो हैं।

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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