राशिद तराज़ के शेर
लोग पत्थर के थे फ़रियाद कहाँ तक करते
दिल के वीराने हम आबाद कहाँ तक करते
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere