साग़र निज़ामी, समद यार ख़ाँ (1905-1984)‘जिगर’, ‘फ़िराक़’ और‘जोश’ के सम सामयिक लोक प्रिय शाइरों में शामिल। राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने वाली नज़्में लिखीं। अख़्बार और पत्रिकाएँ निकालीं। फ़िल्मों के लिए कहानियाँ और गीत लिखे।आलइंडिया रेडियो में रहे।अलीगढ़ में पैदा हुए।