आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के ब'अद
आज की रात बड़ी देर के ब'अद आई है
सैफ़, सैफ़ुद्दीन (1922-1993) नए विचार-जगत और भाव-संसार की हलचलों को शाइरी बनाने वाले शाइरों में शामिल। नौजवानी में तेज़ मिज़ाजी इतनी थी कि किसी राजनैतिक समस्या पर कहासुनी हुई तो कालेज छोड़ दिया और पढ़ाई से भी हाथ धो लिया। काम की तलाश में फ़िल्मी दुनिया तक पहुँचे और उसी के हो गए। अमृतसर में पहली और लाहौर में आख़िरी साँस ली।
प्राधिकरण नियंत्रण :लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस नियंत्रण संख्या : n97940392