Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Salam Sandelvi's Photo'

सलाम संदेलवी

1919 - 2000 | गोरखपुर, भारत

सलाम संदेलवी

अशआर 21

सौ बार आई होंटों पे झूटी हँसी मगर

इक बार भी दिल से कभी मुस्कुरा सके

  • शेयर कीजिए

शबनम ने रो के जी ज़रा हल्का तो कर लिया

ग़म उस का पूछिए जो आँसू बहा सके

  • शेयर कीजिए

ख़ुशी के फूल खिले थे तुम्हारे साथ कभी

फिर इस के ब'अद आया बहार का मौसम

  • शेयर कीजिए

कटेगी कैसे गुल-ए-नौ की ज़िंदगी या-रब

कि इस ग़रीब का ख़ानों में घर अभी से है

  • शेयर कीजिए

बहुत उम्मीद थी मंज़िल पे जा कर चैन पाएँगे

मगर मंज़िल पे जब पहुँचे तो नज़्म-ए-कारवाँ बदला

  • शेयर कीजिए

ग़ज़ल 3

 

नज़्म 13

गीत 2

 

पुस्तकें 31

"गोरखपुर" के और लेखक

 

Recitation

बोलिए