Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Sarmad Sahbai's Photo'

सरमद सहबाई

1945 | पाकिस्तान

अग्रणी आधुनिक पाकिस्तानी शायर और नाटककार

अग्रणी आधुनिक पाकिस्तानी शायर और नाटककार

सरमद सहबाई

ग़ज़ल 14

नज़्म 18

अशआर 3

उस के जाने का यक़ीं तो है मगर उलझन में हूँ

फूल के हाथों से ये ख़ुश-बू जुदा कैसे हुई

सब की अपनी मंज़िलें थीं सब के अपने रास्ते

एक आवारा फिरे हम दर-ब-दर सब से अलग

उस के मिलने पे भी महसूस हुआ है 'सरमद'

उस ने देखा ही हो मैं ने बुलाया ही हो

 

पुस्तकें 2

 

वीडियो 12

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

सरमद सहबाई

सरमद सहबाई

सरमद सहबाई

सरमद सहबाई

सरमद सहबाई

सरमद सहबाई

दश्त में है एक नक़्श-ए-रहगुज़र सब से अलग

सरमद सहबाई

दश्त में है एक नक़्श-ए-रहगुज़र सब से अलग

सरमद सहबाई

हर सफ़र के बा'द वैसा ही सफ़र रक्खा गया

सरमद सहबाई

हर सफ़र के बा'द वैसा ही सफ़र रक्खा गया

सरमद सहबाई

संबंधित लेखक

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए