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शम्स रम्ज़ी

1960 | दिल्ली, भारत

शम्स रम्ज़ी

ग़ज़ल 6

नज़्म 1

 

अशआर 3

डूबता हुआ सूरज दे गया सज़ा ऐसी

खो गई अँधेरों में रौशनी की ख़ुश-फ़हमी

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फ़ज़ा में उड़ते परिंदे की ख़ैर हो यारब

कि उस का तैर बड़ा है मगर कमान है तंग

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बे-ज़बाँ भी तो बता देता है मंज़िल का पता

तय कराता है सफ़र मील का पत्थर ख़ामोश

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पुस्तकें 3

 

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