जिन से मिल कर ज़िंदगी से इश्क़ हो जाए वो लोग
आप ने शायद न देखे हों मगर ऐसे भी हैं
सुरूर बाराबन्कवी, सई’दुर्रहमान (1919-1980) क्लासिकी अन्दाज़ के ग़ज़लगो जिन्होंने फ़िल्मों के लिए गीत लिखे और फ़िल्में भी बनाईं। मुशाइरों के लोकप्रिय शाइरों में शामिल। ‘जिगर’ मुरादाबादी से गहरे संबंध थे। बाराबन्की (उत्तर प्रदेश) में जन्म मगर आज़ादी के बाद ढाका चले गए और वहीं देहांत हुआ।