सय्यद आबिद अली आबिद
ग़ज़ल 36
नज़्म 3
अशआर 28
इक दिन उस ने नैन मिला के शर्मा के मुख मोड़ा था
तब से सुंदर सुंदर सपने मन को घेरे फिरते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ये हादिसा भी हुआ है कि इश्क़-ए-यार की याद
दयार-ए-क़ल्ब से बेगाना-वार गुज़री है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
सुबू उठा कि ये नाज़ुक मक़ाम है साक़ी
न अहरमन है न यज़्दाँ है देखिए क्या हो
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
तंज़-ओ-मज़ाह 1
पुस्तकें 93
वीडियो 9
This video is playing from YouTube