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तरन्नुम रियाज़

1960 - 2021 | श्रीनगर, भारत

प्रसिद्ध महिला कथाकार और शायरा, पुरुष सत्तात्मक समाज में नई औरत की समस्याओं के स्रजनात्मक वर्णन के लिए जानी जाती हैं.

प्रसिद्ध महिला कथाकार और शायरा, पुरुष सत्तात्मक समाज में नई औरत की समस्याओं के स्रजनात्मक वर्णन के लिए जानी जाती हैं.

तरन्नुम रियाज़ की कहानियाँ

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कश्ती

यह कहानी कश्मीर में तैनात भारतीय फ़ौज और कश्मीरी अवाम के साथ उनके संबंधों की प्रतिक्रिया को व्यक्त करती है। टेलीफ़ोन बूथ पर लम्बी लाइन है। लाइन में दो व्यक्ति एक ज़ख़्मी बच्चे को लिये टेलीफ़ोन करने के लिए अपनी बारी का इंतिज़ार कर रहे हैं। तभी वहाँ एक बंदूकधारी फ़ौजी आता है और भीड़ को हटाते हुए ज़ख़्मी बच्चा लिये व्यक्ति को पहले फ़ोन करने के लिए कहता है। बच्चे के पैर से ख़ून निकल रहा है। इसी बीच एक औरत वहाँ आ जाती है जो उस बंदूकधारी फ़ौजी के बर्ताव को देखती है। इसके साथ ही उसे वे सभी फ़ौजी याद आ जाते हैं जिन्होंने कश्मीर के लोगों के साथ ज़्यादतियाँ की हैं। उन्हीं यादों में उसे अपनी बीती ज़िंदगी भी याद आती और साथ ही याद आते हैं, बाप और भाई, जो कश्मीर के लिए क़ुर्बान हो गए थे।

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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