उपनाम : 'बहार'
मूल नाम : टेक चंद
जन्म :दिल्ली
पुराने तज़्किरों में लाल टेकचंद बहार का नाम उर्दू भाषा के प्रथम ग़ैर मुस्लिम शायरों में मिलता है। लगभग 1687 में दिल्ली में पैदा हुए। मीर तक़ी मीर के मामूं सिराजुद्दीन अली ख़ां आरज़ू के समकालीन थे। निहायत रंगीन स्वभाव और ख़ुश मिज़ाज तबियत के मालिक थे। फ़ारसी भाषा और साहित्य के ऐसे विद्वान थे कि बड़े बड़े साहित्यकार और विद्वान उनका नाम सम्मान से लेते थे। उन्होंने फ़ारसी का एक शब्द कोश "बहार-ए-अजम" संपादित किया जो फ़ारसी में एक प्रमाणिक शब्द कोश माना जाता है। इस दिशा में उन्हें बहुत दक्षता प्राप्त थी। शब्दों की शुद्धता और उसकी बारीकियां तलाश करने का ऐसा जुनून था कि नादिर शाह के हमले के वक़्त जब हर तरफ़ क़त्ल व ख़ून का बाज़ार गर्म था, वो नादिर शाह के ईरानी सिपाहियों से शब्दों और मुहावरों के मायनी पूछ रहे थे। अस्सी वर्ष की अवस्था में 1766 में दिल्ली में ही उनका देहांत हुआ।