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उपेन्द्र नाथ अश्क

1910 - 1996 | इलाहाबाद, भारत

महत्वपूर्ण कथाकारों में शामिल, मंटो के समकालीन, रेडियो नाटकों के लिए भी प्रसिद्ध

महत्वपूर्ण कथाकारों में शामिल, मंटो के समकालीन, रेडियो नाटकों के लिए भी प्रसिद्ध

उपेन्द्र नाथ अश्क की कहानियाँ

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मर्द का ऐतेबार

यह कहानी मर्दों के बारे में औरतों की ज़ेहनियत को बयान करती है, जो मर्द के मुँह से तारीफ़ के दो बोल सुनकर ही मुत्मइन हो जाती है। जब उसकी पहली बीवी की मौत हुई थी तो वह रात-दिन चाची के पास बैठकर उसी की तारीफ़ों के पुल बांधता रहता था। मगर कुछ अर्से बाद जब उसकी दूसरी शादी हुई तो वह पहली बीवी को ऐसे भूल गया, जैसे वह कभी थी ही नहीं। अब वह अपनी दूसरी बीवी की तारीफ़ें किया करता था। दूसरी के बाद उसने तीसरी शादी की और तीसरी की तारीफ़ भी ऐसे ही की जैसे वह कभी पहली की किया करता था। चाची उसकी बातें सुनती और अपनी शौहर को कोसती रहती, जिसने कभी भी उसकी तारीफ़ नहीं की थी। जब चाची का इंतिक़ाल हुआ तो चाचा ने दूसरी शादी करने से इंकार कर दिया।

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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